बिहार: बैन का वादा करने वाली नीतीश सरकार अब खुद बेचेगी विदेशी शराब
पटना. शराब पर पूरी तरह बैन का वादा करने वाली नीतीश सरकार अब अपने वादे से पलटती नजर आ रही है। देसी शराब पर बैन की बात तो सरकार कर रही है लेकिन विदेशी शराब खुद बेचने की तैयारी कर रही है। बताया जाता है कि सरकार यह कदम रेवेन्यू घाटे को कम करने के लिए उठाने जा रही है।
क्या था नीतीश का वादा?
चुनाव से पहले नीतीश ने राज्य में शराब पर बैन का वादा किया था। चुनाव जीतने के एक महीने बाद सरकार वादाखिलाफी करती नजर आ रही है।
अब क्या कह रही है सरकार?
देसी शराब पर बैन की बात तो सरकार कह रही है, लेकिन विदेशी शराब अब खुद बेचेगी। एक्साइज डिपार्टमेंट ने जो प्रपोजल तैयार किया है उसमें भी केवल देसी शराब पर बैन का जिक्र है।
क्यों कर रही है सरकार ऐसा?
दरअसल, अगर सरकार शराब को पूरी तरह बैन करती है तो उसे 4000 करोड़ रुपए का रेवेन्यू लॉस होगा। सरकार यह बड़ी रकम खोना नहीं चाहती।
होलसेल और रिटेल में विदेशी शराब अब सरकार ही बेचेगी
– नीतीश सरकार अब विदेशी शराब को होलसेल के साथ रिटेल में भी बेचेगी। बिहार स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन (बीएसबीसीएल) रिटेल में विदेशी शराब बेचने की योजना बना रहा है। एक्साइज डिपार्टमेंट ने इसके लिए वेयर हाउस खोजने की जिम्मेदारी असिस्टेंट कमिश्नर को दी है।
– एक्साइज कमिश्नर ने ऑर्डर दिए हैं कि जहां भी एक्साइज डिपार्टमेंट की जमीन है, वहां बीएसबीसीएल के गोदाम और दुकान खोले जाएं। फिलहाल, बीएसबीसीएल केवल शराब की होलसेल थोक बिक्री करता है। उसे एमआरपी पर 2 पर्सेंट मुनाफा होता है। जबकि रिटेल में मुनाफा 15 पर्सेंट है।
नीतीश ने कहा था-शराब पीने वाले दो तरह के होते हैं
26 नवंबर को नीतीश ने शराब पर बैन की घोषणा करते हुए कहा था कि शराब पीने वाले दो तरह के होते हैं। पहला, वे लोग जिनके पास बेहिसाब प्रॉपर्टी और पैसा है। वे महंगी शराब पीते हैं। दूसरे, वे लोग होते हैं जो देशी और मसालेदार शराब पीते हैं जो सेहत के लिए नुकसानदेह है। ऐसी शराब ज्यादातर गरीब पीते हैं। इससे उनकी फैमिली तबाह हो जाती है।
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